अय्यंकालि जयंती – महान अय्यंकालि की विरासत को याद करो! क्रान्तिकारी जाति-उन्‍मूलन आन्‍दोलन को आगे बढ़ाओ!

आपमें से शायद कुछ ने ही महान जाति-विरोधी योद्धा अय्यंकालि का नाम सुना हो। इसकी वजह समझी जा सकती है। अय्यंकालि उन जाति-विरोधी योद्धाओं में से थे, जिन्‍होंने ब्राह्मणवादियों और उनकी सत्‍ता से समानता का हक़ हासिल करने के लिए एक जुझारू लड़ाई लड़ी और कामयाब हुए। उन्‍होंने सरकार का इन्‍तज़ार नहीं किया जो बिरले ही ब्राह्मणवादियों और उच्‍च जाति के सामन्‍तों के विरुद्ध जाती थी, क्‍योंकि ये सामन्‍ती ब्राह्मणवादी शक्तियों तो शुरू से अन्‍त तक ब्रिटिश सत्‍ता के चाटुकार और समर्थक रहीं। अय्यंकालि ने सुधारों के लिए प्रार्थनाएं और अर्जियां नहीं दीं, बल्कि सड़क पर उतर कर ब्राह्मणवादियों की सत्‍ता को खुली चुनौती दी और उन्‍हें परास्‍त भी किया। अय्यंकालि ने सिद्ध किया कि दमित और उत्‍पीडि़त आबादी न सिर्फ लड़ सकती है, बल्कि जीत भी सकती है। अय्यंकालि का संघर्ष आज के जाति-उन्‍मूलन आन्‍दोलन के लिए बेहद प्रासंगिक है। आज अय्यंकालि के संघर्ष को याद करना जाति-उन्‍मूलन के आन्‍दोलन को सुधारवाद व व्‍यवहारवाद के गोल चक्‍कर से निकालने के लिए ज़रूरी है।