“लव जिहाद” कुछ और नहीं बल्कि फ़ासीवादी गिरोह के पास दुष्प्रचार का हथियार है!

“लव जिहाद” के झूठ पर टिका कोई भी कानून न सिर्फ़ साम्प्रदायिक नफ़रत को बढ़ावा देने वाला होगा बल्कि यह सम्प्रदाय विशेष के ख़िलाफ़ दमन के एक हथियार के समान होगा। तथाकथित लव जिहाद के नाम पर बनने वाला यह कानून स्त्रियों के जीवन साथी चुनने की आज़ादी के ऊपर भी हमला होगा। यही नहीं इस तरह का कोई भी कानून देश के संविधान द्वारा प्रदत्त हमारे सीमित जनवादी हक़ों पर भी हमला होगा। संविधान में मौजूद सीमित जनवादी हक़ों की सुरक्षा करते हुए संविधान को अधिकाधिक जनवादी बनाये जाने की लड़ाई भी हमें जुझारू तरीके से लड़नी होगी। हम “लव जिहाद” के नाम पर बने किसी भी कानून का सख्त विरोध करते हैं।