सावित्रीबाई फुले जयंती के अवसर पर – नई शिक्षाबन्‍दी के विरोध में नि:शुल्‍क शिक्षा के लिए एकजुट हों!

सावित्रीबाई ने पहले खुद सिखा व सामाजिक सवालों पर एक क्रांतिकारी अवस्थिति ली। ज्‍योतिराव की मृत्‍यु के बाद भी वो अंतिम सांस तक जनता की सेवा करती रहीं। उनकी मृत्‍यु प्‍लेगग्रस्‍त लोगों की सेवा करते हुए हुई। अपना सम्‍पूर्ण जीवन मेहनतकशों, दलितों व स्त्रियों के लिए कुर्बान कर देने वाली ऐसी जुझारू महिला को हम क्रांतिकारी सलाम करते हैं व उनके सपनों को आगे ले जाने का संकल्‍प लेते हैं।