इस बजट के ज़रिये मोदी सरकार ने एक बार फिर नौजवानों के भविष्य पर हमला बोला है। मीडिया में उछाले जा रहे आंँकड़ों के मुताबिक़ इस बार स्कूली शिक्षा के बजट में पिछले साल की तुलना में 561 करोड़ की वृद्धि कर 73008 करोड़ आवंटित किया गया है। लेकिन सच्चाई यह है कि अगर इस बजट को कुल बजट की तुलना में देखें तो 2023 की अपेक्षा इसमें 0.17 फ़ीसदी की कमी आयी है और इसी तरह इस बजट को महंँगाई से प्रतिसंतुलित करने पर आंँकड़ों की सारी बाज़ीगरी खुल कर सामने आ जाती है। इसी प्रकार उच्च शिक्षा में पिछले साल के संशोधित बजट की तुलना में 17 फ़ीसदी और यूजीसी के बजट में 60 फ़ीसदी की भारी भरकम कटौती की गयी है। इतना ही नहीं जम्मू कश्मीर के लिए स्पेशल स्कॉलरशिप योजना, कॉलेजों-विश्वविद्यालय के छात्रों को मिलने वाली तमाम स्कॉलरशिप योजनाओं को प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा प्रोत्साहन योजना के साथ मिला दिया गया है। मतलब साफ़ है एक तरफ़ उच्च शिक्षा बजट में कटौती से विश्वविद्यालयों में फ़ीस वृद्धि होगी, इन्फ्रास्ट्रक्चर तबाह होगा और परिणामस्वरूप ग़रीब परिवार से आने वाले छात्र परिसर से दूर हो जायेंगे तथा निजी विश्वविद्यालयों को फलने-फूलने का मौका मिलेगा। दूसरी तरफ़ स्कॉलरशिप योजनाओं के मर्जर और यूजीसी के बजट में कटौती से छात्रों को मिलने वाली स्कॉलरशिप पर भी तलवार लटकेगी।
Category: शिक्षा और रोजगार
सावित्रीबाई फुले जयंती के अवसर पर – नई शिक्षाबन्दी के विरोध में नि:शुल्क शिक्षा के लिए एकजुट हों!
सावित्रीबाई ने पहले खुद सिखा व सामाजिक सवालों पर एक क्रांतिकारी अवस्थिति ली। ज्योतिराव की मृत्यु के बाद भी वो अंतिम सांस तक जनता की सेवा करती रहीं। उनकी मृत्यु प्लेगग्रस्त लोगों की सेवा करते हुए हुई। अपना सम्पूर्ण जीवन मेहनतकशों, दलितों व स्त्रियों के लिए कुर्बान कर देने वाली ऐसी जुझारू महिला को हम क्रांतिकारी सलाम करते हैं व उनके सपनों को आगे ले जाने का संकल्प लेते हैं।
शिक्षा व्यवस्था को स्वयम्भू ठेकेदारों से मुक्त करो! पूरे देश में एक यूनिफ़ोर्म स्कूली व्यवस्था लागू करो !!
गुरुकुल से लेकर मठ हों या फिर मदरसे से लेकर चर्च हों शिक्षा के नाम पर चलने वाली काफ़ी धार्मिक संस्थाओं में समय-ब-समय इस तरह के मामले सामने आते रहे हैं। इस कोण से देखने पर ज़रूर “सर्वधर्म समभाव” की उक्ति सटीक बैठती है क्योंकि क़रीबन सभी धर्मों से जुड़ी तमाम संस्थाओं में ज़्यादतियाँ प्रकाश में आती रहती हैं! माता-पिता और अभिभावक सोचते हैं कि हमारे बच्चे यहाँ संस्कारों का पाठ पढ़कर आयेंगे परन्तु बहुतों को यहाँ ऐसे घाव मिलते हैं जो पूरी ज़िन्दगी नासूर की तरह रिसते रहते हैं।
वज़ीरपुर के बच्चों के लिए शहीद भगत सिंह पुस्तकालय द्वारा आयोजित की गयी पेंटिंग कार्यशाला!
वज़ीरपुर के बच्चों के लिए शहीद भगत सिंह पुस्तकालय द्वारा आयोजित की गयी पेंटिंग कार्यशाला! गत रविवार 8 मई 2016 के दिन वज़ीरपुर के बच्चों के लिए शहीद भगत सिंह पुस्तकालय द्वारा पेंटिंग कार्यशाला का आयोजन किया गया। बच्चों ने इस कार्यशाला में बड़े उत्साह ने हिस्सा लिया। रंगों के साथ अपनी कल्पना से उन्होंने ने तरह तरह के चित्र बनाए।उन्होंने सफ़ेद कागज़ को अपने कल्पना के रंगों से रंगा, इस पूरी कार्यशाला के दौरान बच्चों का उत्साह और ख़ुशी देखते ही बनता था। सबने अपने अपने चित्रों के साथ बेहद…
नौभास और स्कूली निगरानी समिति के नेतृत्व में परीक्षा परिणामों में हुई गड़बडि़यों के ख़िलाफ़ स्कूली छात्राओं और अभिभावकों ने किया दिल्ली सचिवालय पर प्रदर्शन। जनता के दबाव के चलते दिल्ली सरकार ने किया मामले की जाँच करवाने का वादा।
नौभास और स्कूली निगरानी समिति के नेतृत्व में परीक्षा परिणामों में हुई गड़बडि़यों के ख़िलाफ़ स्कूली छात्राओं और अभिभावकों ने किया दिल्ली सचिवालय पर प्रदर्शन। जनता के दबाव के चलते दिल्ली सरकार ने किया मामले की जाँच करवाने का वादा। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के करावल नगर स्थित राजकीय उच्चतम माध्यमिक कन्या विद्याालय, न्यू सभापुर की छात्राओं और अभिभावकों ने नौवीं तथा ग्यारहवीं के परीक्षा परिणामों में हुई गड़बडि़यों के ख़िलाफ़ ‘नौजवान भारत सभा’ तथा ‘स्कूल निगरानी समिति’ के नेतृत्व में आज 11 अप्रैल को दिल्ली सचिवालय पर प्रदर्शन किया। ज्ञात हो…