‘क्रान्तिकारी नवजागरण अभियान’ के पीछे का मक़सद आज के समय में भगतसिंह के सपनों पर आधारित समाज को बनाने के लिए एक नए इन्क़लाब का ऐलान है. भगतसिंह का सपना गोरे अंग्रेजों के जाने के बाद भूरे अंग्रेजों को सत्ता में बैठा देने का नहीं था बल्कि एक ऐसे समाज के निर्माण का था जो बराबरी और न्याय पर टिका हो, जहाँ एक इंसान द्वारा दूसरे इंसान को लूटा जाना असंभव बना दिया जाय. लेकिन आज़ादी के 68 सालों का इतिहास भूरे साहबों की लूट को आज नंगे रूप में सामने ला चुका है. नौजवान भारत सभा के कार्यकर्ताओं ने तमाम इंसाफपसंद नागरिकों और नौजवानों का आह्वान किया कि वे भूरे साहबों की लूट पर टिकी व्यवस्था को जड़ से उखाड़ कर इतिहास के कूड़ेदान में फेंक दे और देश की करोड़ों की मेहनतकश आबादी को संगठित करने में लग जायं ताकि इस सदी में भगतसिंह और दूसरे तमाम क्रांतिकारियों के सपनों को साकार किया जा सके.