नौजवान भारत सभा, हरियाणा ने शहीद-ए-आज़म भगतसिंह के 108वें जन्म दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया. नौभास हरियाणा के संयोजक रमेश खटकड़ ने बताया कि उक्त कार्यक्रमों की शुरुआत 26 सितम्बर से चौशाला गाँव (कलायत, कैथल) में क्रान्तिकारी प्रचार अभियान के द्वारा की गयी. गाँव में क्रान्तिकारी प्रचार के दौरान नुक्कड़ सभाएँ करते हुए व्यापक परचा वितरण किया गया. 27 सितम्बर को सुबह कलायत (कैथल) में नुक्कड़ सभाएँ करते हुए प्रचार अभियान चलाया गया. वक्ताओं ने अपनी बात में जनता के सामने मौजूदा पूँजीवादी व्यवस्था का भण्डाफोड़ किया तथा बताया कि भगतसिंह ने आज जैसी व्यवस्था कायम करने के लिए शहादत नहीं दी थी उनका सपना एक समतामूलक समाज का था. तमाम चुनावबाज पार्टियाँ जनता को वोट बैंक की राजनीति के लिए एक मोहरे के रूप में इस्तेमाल करती हैं. आज जनता को न केवल अपनी रोज-रोज की समस्याओं के लिए एकजुट होना होगा बल्कि शहीदों के सपनों के भारत के निर्माण के लिए भी जुटना होगा.
27 सितम्बर को ही शाम को गाँव मोहलखेड़ा (नरवाना, जीन्द) में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसी गाँव में नौभास द्वारा ‘शहीद भगतसिंह पुस्तकालय’ खोलने का प्रयास भी जारी है जो जल्द ही फलीभूत होने वाला है. सांस्कृतिक कार्यक्रम में क्रान्तिकारी गीत, ‘हवाई गोले’ नाटक, पुस्तक प्रदर्शनी और अन्धविश्वास और टोने-टोटके जैसी रुढियों के ख़िलाफ़ एक जादू के खेल का भी आयोजन किया. कार्यक्रम के दौरान ही विभिन्न वक्ताओं ने अपनी बात भी गाँव की आबादी के साथ साझा की. अरविन्द ने अपनी बात में पुस्तकालय की भूमिका पर बात रखी. रमेश ने बताया कि आज हमें युवाओं को संगठित करते हुए शिक्षा-रोजगार के मुद्दे पर आन्दोलन संगठित करना होगा. गाँव की आबादी ने उक्त सांस्कृतिक कार्यक्रम का ख़ूब लुत्फ़ उठाया. 28 सितम्बर के दिन सुबह नरवाना (जीन्द) के नहरु पार्क में परचा वितरण किया गया और शहीद भगतसिंह की मूर्ति पर माल्यार्पण किया गया. इसके बाद नेहरु पार्क से भगतसिंह चौक (जो लेबर चौक भी है) तक जुलुस निकालते हुए परचा वितरण किया गया. चौक पर भगतसिंह, राजगुरु, सुखदेव की मूर्तियों पर माल्यार्पण करते हुए सभा का आयोजन किया गया और चौक पर मौजूद मज़दूर साथियों तक भगतसिंह के इंक़लाबी सन्देश को पहुँचाया गया.