भगतसिंह से मज़हबी फ़िरकापरस्तों को ख़तरा क्यों है ?

सिमरनजीत मान जैसों की राजनीति का मूल एजेण्डा मज़हबी फिरकापरस्ती है। ये प्रमुख तौर पर सिख धर्म की पहचान की राजनीति के झण्डाबरदार हैं और खालिस्तान के समर्थक हैं। इनका बस यह कहना है कि खालिस्तान “कानूनी” तरीके से बनना चाहिए। भगतसिंह के बारे में सिमरनजीत मान का मुँह खोलना था कि हरियाणा में मज़हबी पहचान की प्रतिक्रियावादी राजनीति करने वाले मनोज दूहन जैसे लोग भी बल्लियों उछल पड़े और भगतसिंह के प्रति दुष्प्रचार में जुट गये। जिस तरह से पागलों को बीच-बीच में पागलपन के दौरे पड़ते हैं वैसे ही मज़हबी फ़िरकापरस्ती में विक्षिप्त दिमाग भी सुर्ख़ियों में बने रहने और अपने चेले-चपाटों के बीच सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए समय-समय पर अपने एजेण्डे के तहत ऐसी ओछी हरक़तें करते रहते हैं।

जालियावालां बाग़ हत्याकाण्ड की बरसी पर!

आज़ादी के बाद अंग्रेजों द्वारा बनायी गयी राज्यसत्ता की पूरी मशीनरी और बहुत सारे कानूनों को न केवल ज्यों का त्यों अपना लिया गया, बल्कि पिछले सात दशकों में रोलेट एक्ट से कहीं ज्यादा बर्बर और काले क़ानून जनता पर थोपे जा चुके हैं। आज एक तरफ़ पूरा देश कोरोना महामारी के भयंकर संकट से जूझ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ़ देश के तमाम हिस्सों में ऐसे ही काले क़ानूनों के तहत तमाम जनपक्षधर बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को जेलों में ठूँसा जा रहा है। जालियावालां बाग़ की विरासत को याद करने और जालियावालां बाग़ के शहीदों को श्रद्धांजलि देने का सही मतलब यही है कि जनता पर थोपे जा रहे हर तरह के बर्बर दमनकारी कानून का विरोध किया जाये और अपने बुनियादी अधिकारों के लिए आवाज़ बुलन्द की जाये।

लॉकडाउन के दौरान आम मुसीबतज़दा लोगों के लिए नौभास के राहत कार्य

लॉकडाउन के दौरान आम मुसीबतज़दा लोगों के लिए नौजवान भारत सभा के साथी देश में जहाँ-जहाँ राहत-कार्य चला रहे हैं, कई साथियों के सुझाव पर उनकी सूची हम एक जगह दे रहे हैं जिससे किसी भी रूप में इस मुहिम में सहयोग करने वाले साथियों को सुविधा होगी। नौजवान भारत सभा द्वारा चलाए जा रहे इन राहत कार्यो की रिपोर्ट हम लोग फेसबुक पेज पर नियमित रूप से अपडेट कर रहे हैं। आपसे आग्रह है कि हमारे फेसबुक पेज देखें और इन रिपोर्ट को फॉलो करें और अपने सुझाव भी दें

शहीद भगतसिंह के जन्मदिवस (28 सितम्‍बर) के अवसर पर विशेष सदस्यता अभियान

आज़ादी के जिस पौधे को भगतसिंह जैसे महान शहीदों ने अपने रक्त से सींचा था वो मुरझा रहा है। इन शहीदों का सपना हमारी आँखों में झांक रहा है। आइये इन शहीदों के सपनों के भारत के निर्माण के संघर्ष में प्राण-प्रण से जुट जांय। यह पर्चा सिर्फ नौजवान भारत सभा का परिचय नहीं बल्कि आह्वान है कि आप नौजवान भारत सभा के सदस्य बने और भगत सिंह के विचारों को आगे बढ़ाएं।

जनता के हक में बने कानूनों को दुरुपयोग के बहाने कमजोर करने की साजिश को पहचानो

सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून में परिवर्तन करने का  कारण ये बताया कि इसका दुरुपयोग हो रहा है। देशभर में दलित विरोधी जातिगत नफरत व हिंसा का लम्‍बा इतिहास रहा है व इस फैसले के कुछ ही दिन बाद 29 मार्च के दिन गुजरात में एक दलित की हत्‍या सिर्फ इसलिए कर दी गयी कि वो घोड़ा रखता था। एससी/एसटी एक्ट के बावजूद भी देश में हर घंटे दलितों के खिलाफ 5 से ज्यादा हमले दर्ज होते हैं; हर दिन दो दलितों की हत्या कर दी जाती है; अगर दलित महिलाओं की बात की जाए तो उनकी स्थिति तो और भी भयानक है। प्रतिदिन औसतन 6 स्त्रियां बलात्कार का शिकार होती हैं। पिछले दस सालों 2007-2017 में दलित विरोधी अपराधों में 66 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई है , 2016 में 48,000 से ज्यादा मामले दर्ज हुए हैं। साथ में दी गयी तालिका से भी ये स्‍पष्‍ट है कि दलितों के विरुद्ध हुए बर्बर से बर्बर हत्‍याकाण्‍डों में भी सजाएं बिल्‍कुल नहीं हुई। ये चन्द आंकड़े साफ बता रहे हैं कि 70 साल की आजादी के बाद भी गरीब दलित आबादी हक-अधिकारों से वंचित है। महाराष्‍ट्र भी दलित विरोधी अत्‍याचारों के मामले में काफी आगे हैं। खैरलांजी से लेकर नितिन आगे तक की घटनाएं इस चीज की गवाही देती है। बर्बर दलित उत्पीड़न की घटनाएं सरकार के दलित विरोधी चेहरे को उजागर कर देती हैं, साथ ही पुलिस -प्रशासन से लेकर कोर्ट में बैठे अधिकारी भी जातिय मानसिकता से ग्रस्त हैं।  तभी दलितों पर हमले करने वाले ज्यादातर अपराधी बच निकलते हैं। देशभर में एससी/एसटी कानून के तहत वैसे भी वर्तमान में दलित उत्पीडन के मामले की एफआईआर दर्ज कराना सबसे मुश्किल काम होता है। साथ ही पुलिस प्रशासन का रवैया मामले में सजाओं का प्रतिशत काफी कम कर देता है।  दूसरा इस कानून में गलत केस दर्ज कराने पर पीड़ित के विरुद्ध आईपीसी की धारा 182 के अंतर्गत केस दर्ज करके दण्डित करने का प्रावधान पहले से ही है। इसी प्रकार अग्रिम जमानत मिलने तथा उच्च अधिकारियों की अनुमति से ही गिरफ्तारी करने का आदेश इस एक्ट के डर को बिलकुल खत्म कर देगा। हम सभी जानते है कि पहले ही इस एक्ट के अंतर्गत सजा मिलने की दर बहुत कम है। इस प्रकार कुल मिला कर एससी/एसटी एक्ट के दुरूपयोग को रोकने के इरादे से सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गये दिशा निर्देश दलितों की रक्षा की बजाय आरोपी के हित में ही खड़े दिखाई देते हैं जिससे दलित उत्पीड़न की घटनाओं में बढ़ोत्तरी ही होगी।

भगतसिंह के 110वें जन्मदिवस (28 सितम्बर) पर शहीदों के सपनों को पूरा करने के लिए उठ खड़े हो!

भगतसिंह और उनके साथियों से प्रेरणा लेते हुए हमें उठ खड़ा होना होगा। हम सभी इंसाफ़पसन्द नागरिकों, मेहनतकशों और छात्रें-नौजवानों की ओर अपना हाथ बढ़ा रहे हैं। देश में एक नयी शुरुआत हो चुकी है। भगतसिंह द्वारा बनाये ‘नौजवान भारत सभा’ को फिर से ज़िन्दा कर दिया गया है। देश के कई विश्वविद्यालयों, कॉलेजों में हम इन्हीं आदर्शों पर क्रान्तिकारी छात्र संगठन बना रहे हैं। मेहनतकशों के बीच भी काम शुरू किया जा चुका है, स्त्रियों व जागरूक नागरिकों के मंच व संगठन जगह-जगह संगठित हो रहे हैं। इस विशाल देश को देखते हुए यह शुरुआत छोटी लग सकती है। लेकिन हर लम्बे सफ़र की शुरुआत एक उठाये गये पहले क़दम से ही होती है। दिशा यदि सही हो, संकल्प मज़बूत हो और सोच वैज्ञानिक हो, तो हवा के एक झोंके को चक्रवाती तूफ़ान बनते देर नहीं लगती। यदि आप एक ज़िन्दा इंसान की तरह जीने और हक़ के लिए लड़ने को तैयार हैं तो हमसे ज़रूर सम्पर्क कीजिये।

वज़ीरपुर के बच्चों के लिए शहीद भगत सिंह पुस्तकालय द्वारा आयोजित की गयी पेंटिंग कार्यशाला!

वज़ीरपुर के बच्चों के लिए शहीद भगत सिंह पुस्तकालय द्वारा आयोजित की गयी पेंटिंग कार्यशाला! गत रविवार 8 मई 2016 के दिन वज़ीरपुर के बच्चों के लिए शहीद भगत सिंह पुस्तकालय द्वारा पेंटिंग कार्यशाला का आयोजन किया गया। बच्चों ने इस कार्यशाला में बड़े उत्साह ने हिस्सा लिया। रंगों के साथ अपनी कल्पना से उन्होंने ने तरह तरह के चित्र बनाए।उन्होंने सफ़ेद कागज़ को अपने कल्‍पना के रंगों से रंगा, इस पूरी कार्यशाला के दौरान बच्चों का उत्साह और ख़ुशी देखते ही बनता था। सबने अपने अपने चित्रों के साथ बेहद…

भगत सिंह का ख़्वाब, इलेक्शन नहीं इंक़लाब ! लखनऊ में भगत सिंह के विचारों को आम जनता तक लेकर जाने के लिए नौभास द्वारा चलाया गया अभियान।

भगत सिंह का ख़्वाब, इलेक्शन नहीं इंक़लाब ! लखनऊ में भगत सिंह के विचारों को आम जनता तक लेकर जाने के लिए नौभास द्वारा चलाया गया अभियान। भगतसिंह के विचारों को हर नौजवान और हर मेहनतकश के दिलोदिमाग तक पहुँचाने के लिए जारी मुहिम के तहत नौजवान भारत सभा, लखनऊ की टोली ने कल 8 अप्रैल 2016 को बाराबंकी और गोंडा में रेलवे स्‍टेशन, बस अड्डे और अन्य स्थानों पर सभाएँ कीं और पर्चे बाँटे। सभाओं और पर्चों में इस बात पर ज़ाेर दिया गया कि भगतसिंह ने कहा था…

परीक्षा परिणामों में हुई धांधली का विरोध् कर रहे स्कूली छात्राओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं पर दिल्ली पुलिस की ज़्यादतियों के ख़िलाफ़ पुलिस मुख्यालय पर विरोध् प्रदर्शन

परीक्षा परिणामों में हुई धांधली का विरोध् कर रहे स्कूली छात्राओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं पर दिल्ली पुलिस की ज़्यादतियों के ख़िलाफ़ पुलिस मुख्यालय पर विरोध् प्रदर्शन, दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने घटना पर जाँच समिति गठित करने की बात कही। उत्तर-पूर्वी दिल्ली के करावल नगर स्थित एक सरकारी स्कूल में नौवीं तथा ग्यारहवीं के परीक्षा परिणामों में 90% से भी ज़्यादा बच्चों को फेल घोषित कर दिया गया था। ज्ञात हो कि 1 अप्रैल को उक्त धांधली की शिकायत लेकर जब छात्राएँ स्कूल की प्रिंसिपल के पास पहुँची तो उन्होंने कोई…

Activists of NBS working in Karawal Nagar detained by Delhi Police

Activists of NBS working in Karawal Nagar detained by Delhi Police   Activists of Naujawan Bharat Sabha working in North East Delhi were detained by Delhi Police on 4 April in the evening. The detention supposedly was made at the behest of RSS who have been stifled by the activities of Naujawan Bharat Sabha, as NBS has been consistently exposing their fascist propaganda amongst the common people and spreading the message of brotherhood and communal harmony as advocated by revolutionaries Bhagat Singh, Ashfaqullah Khan, Ram Prasad Bismil and the likes. The…