शहादत दिवस पर देश के विभिन्‍न हिस्‍सों में कार्यक्रम

शहादत दिवस पर देश के विभिन्‍न हिस्‍सों में कार्यक्रम

करावल नगर में ‘शहीद संकल्प यात्रा’ व ‘सांस्कृतिक कार्यक्रम’ 

नई दिल्ली, 23मार्च। शहीदे-आजम भगतसिंह, सुखदेव, राजगुरू के 84वें शहादत दिवस के अवसर पर नौजवान भारत सभा द्वारा रविवार को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के खजूरी इलाके में सुबह ‘‘शहीद संकल्प यात्रा’’ व शाम के समय करावल नगर में ‘सांस्कृतिक कार्यक्रम’ का आयोजन किया गया। ‘‘यात्रा’’ के दौरान जगह-जगह नुक्कड़-चैराहों पर जनसभा करते हुए व्यापक पर्चा वितरण किया गया और क्रान्तिकारी गीतों की प्रस्तुति की गई। मौजूदा व्यवस्था की समस्याओं को उजागर करते नारे भी बुलन्द किये गये, जिसमें मुख्य रहे ‘‘भगतसिंह ने दी आवाज, बदलो-बदलो देश-समाज’’, ‘‘जाति-धर्म के झगड़े छोड़ो, सही लड़ाई से नाता जोड़ो’’

23-3-14_Knagar_2 23-3-14_Knagar_3

23-3-14_Knagar_1

लुधियाना में शहादत दिवस सभा का आयोजन

आज लुधियाना में महान क्रान्तिकारी शहीद भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु के 84वें शहादत वर्षगांठ के अवसर पर ‘टेक्सटाइल-हौज़री कामगार यूनियन’, ‘कारखाना मज़दूर यूनियन’, नौजवान भारत सभा’ और ‘लोगों के लिए डॉक्टर’ संगठनों द्वारा शहादत दिवस सभा का आयोजन हुआ | जिसमें क्रान्तिकारी संस्कृति मंच ‘दस्तक’ द्वारा क्रान्तिकारी गीत प्रस्तुत किए गए। टेक्सटाइल-हौज़री कामगार यूनियन के प्रधान साथी राजविन्दर ने शहीदों की प्रेरणादायी कुर्बानियों भरे जीवन के बारे में और जनता के लिए डॉक्टर के डॉ. अमृतपाल ने शहीदों के इंकलाबी विचारों के बारे में, नौजवान भारत सभा के कुलविंदर द्वारा मौजूदा हालतों में मज़दूरों-नौजवानों के सामने पेश चुनौतियों के बारे में विस्तार से दिलचस्प ढंग से बातें रखी गयी। तर्कशील सोसाइटी पंजाब के मोहनलाल और अरविन्द कुमार ने वैज्ञानिक ट्रिक दिखलाकर लोगों में फैले अंधविश्वाशों पर करारी चोट की।

डा. अमृतपाल ने कहा कि आज हमारे लिए शहादत दिवस मनाना कोई रस्म पूर्ति करना नहीं है बल्कि सच्‍चे अर्थो में शहीदों के बेहतर समाज बनाने के सपने को सकार करने के लिए शहीदों के जीवन व विचारों से प्रेरणा लेकर इंकलाब की लड़ाई को जारी रखनी होगा | शहीदों की लड़ाई सिर्फ विदेशी हकूमत के खिलाफ़ नहीं थी बल्कि मेहनतकश जनता की देसी लूट के खिलाफ़ भी थी। 1947 से लेकर अबतक देश की मेहनतकश जनता के साथ जो लूट-शोषण-अन्याय होता आया है इस बात की चीखती गवाही है कि भगतसिंह और उनके साथियों के सपनों का समाज बनना अभी बाकी है।लोक सभा चुनावों में जितनी भी पार्टियाँ शामिल हो रही हैं किसी से भी जनकल्याण की कोई उम्मीद नहीं है। किसी भी पार्टी के पास जनकल्याण की कोई ठोस नीति नहीं है सिर्फ खोखले दावे हैं। इन असहनीय हालातों में व्यापक जनता का जागना, संघर्ष के लिए एकजुट होना न टालनेयोग्य बन चुका है। देश के मेहतनतकशों-नौजवानों को बिना किसी देरी से आगे आना होगा। और एक बोल्शाविक क्रन्तिकारी पार्टी बनाकर इस पूँजीवादी सत्ता को आम बगावत के जरिए जड़ से उखाडना होगा | जनता की मुकती का रास्ता बुर्जुआ चुनाव नहीं हो सकता | नौजवान भारत सभा के कुलविंदर ने कहा कि आज देश की मेहनतकश जनता भयंकर गरीबी-बदहाली की जिन्दगी जीने पर मज़बूर है। पूँजीपतियों द्वारा हो रहे तथा पूरे शासन तंत्र में फैले भ्रष्टाचार के कारण मेहनतकश जनता की मेहनत की कमाई मुट्ठीभर अमीरों के पास ही जमा हो चुकी है। हालात दिन-ब-दिन बद से बदतर होते जा रहे हैं। हाकिम लोगों की लूट-शोषण जारी रखने के लिए धर्म-जाति के नाम पर ”बाँटों और राज करो” की साजिशें तेज कर रहे हैं। इसलिए देश के मेहतनतकशों-नौजवानों को जागना होगा। टैहौकायू के अध्यक्ष राजविन्दर ने शहादत दिवस सभा को सम्बोधन करते हुए कहा कि भगतसिंह, सुखदेव व राजगुरु ने अपने सुख-आराम की जरा सी भी चिन्ता किए बगैर मेहनतकश जनता की लूट-शोषण-अन्याय से मुक्ति के महान मकसद के लिए एक कठिनाइयों भरी जिन्दगी बतीत की और लोक-मुक्ति के महान मकसद के लिए वे हँसते हुए फाँसी से तख्ते पर भी झूल गए। जब तक मानव के हाथों मानव की लूट जारी रहेगी तब तक इस लूट के खिलाफ़ संघर्ष भी जारी रहेगा, और क्रान्तिकारी शहीदों का जीवन इस संघर्ष में हमेशा ही जनता के लिए एक महान प्रेरणादायी स्रोत बना रहेगा।

23-3-14_Ldh_1 23-3-14_Ldh_3 23-3-14_Ldh_2

नोएडा की मज़दूर बस्‍ती में शहीद दिवस पर विशेष कार्यक्रम

नोएडा 23 मार्च। नोएडा की चोटपुर मज़दूर बस्‍ती में बिगुल मज़दूर दस्‍ता और नौजवान भारत सभा की ओर से भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरू के 84 वें शहादत दिवस के अवसर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। हिण्‍डन नदी के तट पर बसी इस बस्‍ती में सुबह बच्‍चों ने भगतसिंह, सुखदेव राजगुरू अमर रहें, अमर शहीदों का पैगाम जारी रखना है संग्राम, भगतसिंह की बात सुनेंगे, जुल्‍म नहीं बरदाश्‍त करेंगे, शहीदों का ख्‍वाब अधूरा, इसी सदी में होगा पूरा, जाति धर्म के झगडे छोड़ो सही लड़ाई से नाता जोड़ो जैसे नारों के साथ मुहल्‍ले भर में एक रैली निकाली। इसके बाद शाम को शहीदों की कुर्बानी को याद करते हुए एक विशेष सभा एवं सांस्‍कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें क्रान्तिकारी गीतों की प्रस्‍तुति हुई और आज के दौर में भगतसिंह के विचारों की प्रासंगिकता पर बातचीत हुई। सभा के अन्‍त में भगतसिंह, सुखदेव एवं राजगुरू की जिन्‍दगी, उनके व्‍यक्तित्‍व और विचारों की झलक दिखलाती हुई एक फिल्‍म भी दिखाई गयी। देर रात तक चले इस कार्यक्रम में बस्‍तीवासियों ने बड़ी संख्‍या में बढ़चढ़कर हिस्‍सा लिया।

Noida 2 Noida 7 Noida 99Noida 12

हरियाणा के कलायत (कैथल) और नरवाना (जीन्द) में क्रान्तिकारी जन-जागरण अभियान

अमर शहीदों का पैग़ाम !
जारी रखना है संग्राम !!
भगतसिंह, राजगुरु, सुखदेव के चौरासीवें शहादत दिवस के अवसर पर “नौजवान भारत सभा” ने ‘हरियाणा के कलायत (कैथल) और नरवाना (जीन्द)’ में तीन दिवसीय “क्रान्तिकारी जन-जागरण अभियान” चलाते हुए नुक्कड़ सभाओं और व्यापक परचा वितरण के द्वारा शहीदों के सन्देश को व्यापक जनता तक पहुँचाया।

23-3-14_Haryanar_123-3-14_Haryanar_2 23-3-14_Haryanar_3

शाहाबाद डेयरी में पोस्टरिंग,दीवार-लेखन, पुस्तक व पोस्टर प्रदर्शनी एवं फिल्म-शो

भगत सिंह को याद करो, नई क्रांति की राह चलो
दिल्ली , 23 मार्च। शहीदेआज़म भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरू के 84वें शहादत दिवस के अवसर पर नौजवान भारत सभा, स्त्री मज़दूर संगठन, बिगुल मज़दूर दस्ता की ओर से शाहाबाद डेयरी की मेहनतकश आबादी के बीच क्रान्तिकारी जागृति अभियान के तहत पोस्टरिंग, दीवार-लेखन, पुस्तक एवं पोस्टर प्रदर्शनी एवं फिल्म -शो का कार्यक्रम आयोजित किया गया। नौजवान भारत सभा के कार्यकर्ताओं और बच्चा पार्टी के सदस्यों ने ‘तू ज़ि‍न्दा है, तू ज़ि‍न्दगी की जीत में यकीन कर’ गीत भी प्रस्तुत किया।
शाम को एफ-ब्लॉक में शहीद भगतसिंह पुस्‍तकालय पर आयोजित सांस्कृ्तिक कार्यक्रम और फिल्म़ शो से पहले नौजवान भारत सभा के कार्यकर्ताओं ने भगतसिंह के विचारों को आज के लिए भी उतना ही प्रासंगिक बताया जितना वे आजादी से पहले के भारत के लिए थे। वक्ताओं ने कहा कि भगतसिंह और उनके साथियों ने जिस आज़ाद भारत का सपना देखा था वह हमें नहीं मिला। आज़ादी तो मिली लेकिन वह अधूरी विकलांग आजादी थी। वक्ताओं ने कहा कि देश के नौजवानों को भगतसिंह के उस कथन पर अमल करना होगा कि ‘नौजवानों को क्रांति का संदेश खेतों-खलिहानों, फैक्ट्री -खदानों, झुग्गी-झोपड़ि‍यों में रहने वाली मेहनतकश आबादी के बीच पहुंचाना होगा।’ तभी देश में उत्पादन, राजकाज, और समाज के पूरे ढांचे पर मेहनतकश तबके का नियंत्रण स्थातपित हो सकेगा और सारी सत्ता मेहनतकशों के हाथ में आ सकेगी।
फिल्म शो में बड़ी संख्या में मज़दूर, महिलाएं,नौजवान और बच्चे शामिल थे। बच्चा पार्टी ने भी इस पूरे कार्यक्रम की तैयारी में जोशो-खरोश से हिस्सा लिया। इस अवसर पर नौजवान भारत सभा द्वारा सदस्यता अभियान की भी शुरुआत की गयी।

23-3-14_Shahabad_1 23-3-14_Shahabad_2 23-3-14_Shahabad_3

लखनऊ में नौजवान भारत सभा द्वारा परिचर्चा आयोजित

भगतसिंह का रास्‍ता – इलेक्‍शन नहीं, इंक़लाब का रास्‍ता !

आज देश गहरे आर्थिक-राजनीतिक-सामाजिक-सांस्कृतिक संकट में धँसता जा रहा है, जनता की मेहनत और प्राकृतिक संसाधनों को देशी-विदेशी पूँजीपतियों की अन्‍धी-नंगी लूट के हवाले कर दिया गया है, समाज में भयंकर भ्रातृघाती कलह और रुग्‍ण-बर्बर अपराध फैलते जा रहे हैं और बदलाव की चाहत रखने वाले नौजवान विकल्‍प की तलाश में हैं। ऐसे में भगतसिंह के विचार आज पहले से कहीं ज़्यादा प्रासंगिक हो गये हैं। आने वाले आम चुनाव एक बार फिर इस सच्‍चाई की ओर इशारा कर रहे हैं कि 65 वर्ष तक तरह-तरह के चुनावी मदारियों के भ्रम में पड़े रहने के बजाय अगर हमने इंक़लाब की राह चुनी होती तो भगतसिंह के सपनों का भारत आज एक हक़ीक़त होता।
”भगतसिंह की क्रान्तिकारी विरासत और आज की चुनौतियाँ” विषय पर 23 मार्च की शाम अनुराग पुस्‍तकालय, लखनऊ में नौजवान भारत सभा की ओर से आयोजित बातचीत में शामिल छात्रों-नौजवानों ने कहा कि आज हमें नये सिरे से भगतसिंह के विचारों को व्‍यापक जनता के बीच लेकर जाना होगा और एक आमूलगामी क्रान्ति की लम्‍बी तैयारी के काम में लगना होगा। हमें शहर-शहर, गाँव-गाँव में मज़दूरों, ग़रीब किसानों, छात्रों-नौजवानों के जुझारू क्रान्तिकारी संगठन खड़े करने होंगे और एक नयी क्रान्तिकारी पार्टी खड़ी करने की ओर बढ़ना होगा जिसका खाका भगतसिंह ने ‘क्रान्तिकारी कार्यक्रम का मसविदा’ में पेश किया था।
वक्‍ताओं ने कहा कि भगतसिंह का लक्ष्य सिर्फ साम्राज्यवाद और सामन्तवाद से मुक्ति नहीं था। राष्ट्रीय मुक्ति के संघर्ष को वह समाजवादी क्रान्ति की दिशा में यात्रा का एक मुकाम मानते थे और इसके लिए मज़दूरों-किसानों की लामबन्दी को सर्वोपरि महत्त्व देते थे। इन सच्चाइयों से देश की व्यापक जनता को, विशेषकर उन करोड़ों जागरूक, विद्रोही, सम्भावना-सम्पन्न युवाओं को परिचित कराना ज़रूरी है जिनके कन्धों पर भविष्य-निर्माण की कठिन ऐतिहासिक ज़ि‍म्‍मेदारी है। भगतसिंह और उनके साथियों के वैचारिक पक्ष के बारे में जनता में व्‍याप्‍त नाजानकारी का लाभ उठाकर ही भाजपा और आर.एस.एस. के धार्मिक कट्टरपन्थी फासिस्ट भी उन्हें अपने नायक के रूप में प्रस्तुत करने की कुटिल कोशिशें करते रहते हैं। अब केजरीवाल जैसे पाखण्‍डी भी भगतसिंह की क्रान्तिकारी छवि को भुनाने की टुच्‍ची कोशिश कर रहे हैं।
भगतसिंह ने अपने समय के राष्ट्रीय आन्दोलन और भविष्य की सम्भावनाओं का जो आकलन किया था, कांग्रेसी नेतृत्व का उन्होंने जो वर्ग-विश्लेषण किया था, देश की मेहनतकश जनता, छात्रों-युवाओं और सहयोद्धा क्रान्तिकारियों के सामने क्रान्ति की तैयारी और मार्ग की उन्होंने जो नयी परियोजना प्रस्तुत की थी, उसका आज के संकटपूर्ण समय में बहुत अधिक महत्त्व है। आज पूरा देश देशी-विदेशी पूँजी की बेलगाम लूट और निरंकुश वर्चस्व तले रौंदा जा रहा है, श्रम और पूँजी के बीच ध्रुवीकरण ज़्यादा से ज़्यादा तीखा होता जा रहा है, सभी संसदीय पार्टियों और नकली वामपन्थियों का चेहरा और पूरी सत्ता का चरित्र एकदम नंगा हो चुका है और भगतसिंह की चेतावनी एकदम सही साबित हो चुकी है। बेशक भगतसिंह के समय के भारत से आज का भारत काफी बदल चुका है। लेकिन भगतसिंह के दिखाये रास्‍ते की दिशा आज भी सही है। एच.एस.आर.ए. ने जनता को जगाने और अपने उद्देश्यों के प्रचार के लिए ब्रिटिश हुकूमत के विरुद्ध कुछ आतंक की कार्रवाइयों को अंजाम दिया, लेकिन क्रान्तियों और जन-संघर्षों के इतिहास के अध्‍ययन से भगतसिंह और उनके साथी इस निष्कर्ष पर पहुँचे थे कि क्रान्ति अपनी निर्णायक मंज़िल में अनिवार्यतः सशस्त्र और हिंसात्मक होगी, लेकिन मज़दूरों-किसानों-छात्रों-युवाओं के खुले जन-संगठन बनाये बिना और व्यापक जनान्दोलनों के बिना क्रान्ति की तैयारियों को निर्णायक मंज़िल तक पहुँचाया ही नहीं जा सकता।
भगतसिंह के विचारों की रौशनी में आज की दुनिया और संघर्ष के नये तौर-तरीकों को जानने-समझने के लिए नियमित सामूहिक अध्‍ययन और चर्चा का सिलसिला चलाने और इन विचारों को लेकर लोगों के बीच जाने के निर्णय के साथ बैठक समाप्‍त हुई।

23-3-14_lko_1

नौजवान भारत सभा की तरफ से शहीद भगत सिंह,शहीद राजगुरू, शहीद सुखदेव के शहादत दिवस 23 मार्च के मौके पर पखोवाल, पंजाब में निकाले गए मशाल मार्च की कुछ तस्वीरें

Pakhowal 1 Pakhowal 3पटना में पुस्‍तक प्रदर्शनी, पर्चा वितरण व सांस्‍कृतिक कार्यक्रम

Patna 3 Patna 2 Patna 1

 

Related posts

Leave a Comment

18 + six =